सभी राशियों मे मिथुन राशि वालों को दुर्बोध माना जाता है.जैसा कि पहले बताया गया है कि इस राशि का निशान स्त्री और पुरुष का जोडा है,जब एक ही मष्तिस्क सब कुछ करने में इतना माहिर होता है,तो जहां पर दो मष्तिस्क एक साथ होंगे तो वे क्या कर सकते है.नकारात्मक और सकारात्मक का एक साथ प्रभाव दिमागी रूप से है और नही है,का रूप बन जाता है.और अक्स्मात किसी भी बात का चमत्कार करने की हैसियत इनके अन्दर होती है,मिथुन राशि चक्र की प्रथम वायु तत्व वाली राशि है,और इसका स्वामी देवता कुल का पक्षाधारी दूत बुध है,बुध एक ही पल में कहीं से कहीं पहुंच सकता है,यह शरीर मे मष्तिस्क का प्रतिधिनित्व करता है,बुध की धातु पारा है,और इसका स्वभाव जरा सी गर्मी सर्दी मे ऊपर नीचे होने वाला है,इस राशि के जातकों मे दूसरे की मन की बाते पढने,दूरद्रिष्टि,बहुमुखी प्रतिभा,होती है.उनसे अधिक जल्दी से,और अधिक चतुरायी से और अधिक सफ़लता से कार्य करने की क्षमता के कारण कोई दूसरा बराबरी नही कर सकता है.गति (Speed) से उनको प्रेम होता है.एक जगह रहना उनके लिये मौत के समान है,संवेदनशीलता और चंचलता उनका जीवन है.वे अपने और दूसरों के जीवन को अधिक सरस,और सुन्दर बनाने के लिये हमेशा प्रयास रत होते हैं.बौद्धिक संतोष उनकी प्रेरक शक्ति है,जब भी कोई समस्या आती है तो वे लागातार उसकी जडों तक जाने की कोशिश करते रहेंगे.वे अपने विचारों को प्रकट करने के लिये हमेशा अपने दोस्तों और साथियों की तलाश में रहते है.






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