Thursday, 1 May 2014

मेष (Aries) - नक्षत्र चरणफल

नक्षत्र चरणफल -
अश्विनी भदावरी ज्योतिष नक्षत्र के प्रथम चरण के अधिपति केतु-मंगल जातक को अधिक उग्र और निरंकुश बना देता है.वह किसी की जरा सी भी विपरीत बात में या कर्य में जातक को क्रोधात्मक स्वभाव देता है,फ़लस्वरूप जातक बात बात मे झगडा करने को उतारू हो जाता है.जातक को किसी की आधीनता पसंद नही होती है.वह अपने अनुसार ही कार्य और बात करना पसंद करता है.
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  •  दूसरे चरण के अधिपति केतु-शुक्र,जातक को ऐसो आराम की जिन्दगी जीने के लिये मेहनत वाले कार्यों   से दूर रखता है,और जातक विलासी हो जाता है.
  •     तीसरे चरण के अधिपति केतु-बुध जातक के दिमाग में विचारों की स्थिरता लाता है,और जातक जो भी सोचता है,करने के लिये उद्धत हो जाता है.
  •     चौथे चरण के अधिपति केतु-चन्द्रमा जातक में भटकाव वाली स्थिति पैदा करता है,वह अपनी जिन्दगी में यात्रा को महत्व देता है,और जनता के लिये अपनी सहायतायें वाली सेवायें देकर पूरी जिन्दगी निकाल देगा.
 भरणी भदावरी ज्योतिष के प्रथम चरण के अधिपति शुक्र-सूर्य,जातक को अभिमानी और चापलूस प्रिय बनाता है.
दूसरा चरण के अधिपति शुक्र-बुध जातक को बुद्धि वाले कामों की तरफ़ और संचार व्यवस्था से धन कमाने की वॄत्ति देता है.
तीसरे चरण के अधिपति शुक्र-शुक्र विलासिता प्रिय और दोहरे दिमाग का बनाता है,लेकिन अपने विचारों को उसमे सतुलित करने की अच्छी योग्यता होती है.
चौथे चरण के अधिपति शुक्र-मंगल जातक में उग्रता के साथ विचारों को प्रकट न करने की हिम्मत देते हैं,वह हमेशा अपने मन मे ही लगातार माया के प्रति सुलगता रहता है.जीवन साथी के प्रति बनाव बिगाड हमेशा चलता रहता है,मगर जीवन साथी से दूर भी नही रहा जाता है.
    कॄत्तिका नक्षत्र के प्रथम चरण के अधिपति सूर्य-गुरु,जातक में दूसरों के प्रति सद्भावना और सदविचारों को देने की शक्ति देते हैं,वे अपने को समाज और परिवार में शालीनता की गिनती मे आते है.

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