Sunday, 18 May 2014

वॄष राशि (Taurus)

Aum Jyotish Kendra
राशि चक्र की यह दूसरी राशि है,इस राशि का चिन्ह "बैल" है, बैल स्वभाव से ही अधिक पारिश्रमी और बहुत अधिक वीर्यवान होता है, साधारणत: वह शांत रहता है, किन्तु क्रोध आने पर वह उग्र रूप धारण कर लेता है. यह स्वभाव वॄष राशि के जातक मे भी पाया जाता है, वॄष राशि का विस्तार राशि चक्र के 30 अंश से 60 अंश के बीच पाया जाता है,इसका स्वामी शुक्र ग्रह है. इसके तीन देष्काणों में उनके स्वामी ’शुक्र-शुक्र”,शुक्र-बुध’,और शुक्र-शनि,हैं. इसके अन्तर्गत कॄत्तिका नक्षत्र के तीन चरण, रोहिणी के चारों चरण, औ मॄगसिरा
के प्रथम दो चरण आते हैं.इन चरणों के स्वामी कॄत्तिका के द्वितीय चरण के स्वामी सूर्य-शनि,तॄतीय चरण के स्वामी चन्द्रमा-शनि,चतुर्थ चरण के स्वामी सूर्य-गुरु,हैं.रोहिणी नक्षत्र के प्रथम चरण के स्वामी चन्द्रमा-मंगल, दूसरे चरण के स्वामी चन्द्रमा-शुक्र, तीसरे चरण के स्वामी चन्द्रमा-बुध, चौथे चरण के स्वामी चन्द्रमा-चन्द्रमा, है.मॄगसिरा नक्षत्र के पहले चरण के मालिक मंगल-सूर्य, और दूसरे चरण के मालिक मंगल-बुध है.

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