Sunday, 1 June 2014

सिंह (Leo) राशि स्वास्थ्य और रोग

इस राशि के जातकों की वाणी और चाल में शालीनता पायी जाती है.इस राशि वाले जातक सुगठित शरीर के मालिक होते हैं.नॄत्य करना इनकी आदत होती है,अधिकतर इस राशि वाले या तो बिलकुल स्वस्थ रहते है,या फ़िर आजीवन बीमार रहते हैं,जिस वारावरण में इनको रहना चाहिये,अगर वह न मिले,इनके अभिमान को कोई ठेस पहुंचाये,या इनके प्रेम मेम कोई बाधा आये,तो यह लोग अपने मानसिक कारणों से बीमार रहने लगते है,इनके लिये भदावरी ज्योतिष की यह कहावत पूर्ण रूप से खरी उतरती है,कि मन से तन जुडा है,और जब मन बीमार होगा तो उसका प्रभाव तन पर पडेगा,अधिकतर इस राशि के लोग रीढ की हड्डी की बीमारी या चोटों से अपने जीवन को खतरे में डाल लेते हैं,और इस हड्डी का प्रभाव सम्पूर्ण शरीर पर होने से,चोट अथवा बीमारी से शरीर का वही भाग निष्क्रिय हो जाता है,जिस भाग में रीढ की हड्डी बाधित होती है.वैसे इस राशि के लोगों के लिये ह्रदय रोग,धडकन का तेज होना,लू लगना,और संधिवात ज्वर होना आदि.

सिंह राशि (Economical Condition of Leo) आर्थिक गतिविधिया

इस राशि वाले जातक कठोर मेहनत करने के आदी होते हैं,और राशि के प्रभाव से धन के मामलों में बहुत ही भाग्यशाली होते हैं,पंचम राशि का प्रभाव कालपुरुष की कुन्डली के अनुसार इनको तुरत धन वाले क्षेत्रों मे भेजता है,और समय पर इनके द्वारा किये गये पूर्व कामों के अनुसार ईश्वर इनको इनकी जरूरत का चैक भेज देता है.इस राशि वाले जातक जो भी काम करते हैं वे दूसरों को अस्मन्जस में डाल देने वाले होते है,लोग इनके कामों को देखकर आश्चर्य मे पड जाते हैं.स्वर्ण,पीतल,और हीरा जवाहरात के व्यवसाय इनको बहुत फ़ायदा देने वाले होते हैं,सरकार और नगर पालिका वाले पद इनको खूब भाते हैं.

सिंह (Leo) राशि प्रकॄति और स्वभाव

सिंह राशि शाही राशि मानी जा्ती है,सोचना शाही,करना शाही,खाना शाही,और रहना शाही,इस राशि वाले लोग जुबान के पक्के होते हैं,उनके अन्दर छछोडपन वाली बात नही होती है,अपनी मर्यादा मे रहना,और जो भी पहले से चलता आया है,उसे ही सामने रख कर अपने जीवन को चलाना,इस राशि वाले व्यक्ति से सीखा जा सकता है.सिह राशि वाला जातक जब किसी के घर जायेगा,तो वह किसी के द्वारा दिये जाने वाले आसन की आशा नही करेगा,वह जहां भी उचित और अपने लायक आसन देखेगा,जाकर बैठ जायेगा,वह जो खाता है वही खायेगा,अन्यथा भूखा रहना पसंद करेगा,वह आदेश देना जानता है,किसी का आदेश उसे सहन नही है,जिस किसी से प्रेम करेगा,उसके मरते दम तक निभायेगा,जीवन साथी के प्रति अपने को पूर्ण रूप से समर्पित रखेगा,अपने व्यक्तिगत जीवन में किसी का आना इस राशि वाले को कतई पसंद नही है,और सबसे अधिक अपने जीवन साथी के बारे में वह किसी का दखल पसंद नही कर सकता है,

सिंह (Leo) लगन

जिन व्यक्तियों के जन्म समय में चन्द्रमा सिंह लगन मे होता है,वे सिंह राशि के जातक कहलाते हैं,जो इस लगन में पैदा होते हैं वे भी इस राशि के प्रभाव मे होते है.पांडु मिट्टी के रंग वाले जातक,पित्त और वायु विकार से परेशान रहने वाले लोग,रसीली वस्तुओं को पसंद करने वाले होते हैं,कम भोजन करना और खूब घूमना,इनकी आदत होती है,छाती बडी होने के कारण इनमे हिम्मत बहुत अधिक होती है और मौका आने पर यह लोग जान पर खेलने से भी नही चूकते.इस लगन में जन्म लेने वाला जातक जीवन के पहले दौर मे सुखी,दूसरे में दुखी और अन्तिम अवस्था में पूर्ण सुखी होता है.

सिंह (Leo) राशि नक्षत्र चरण और उनके फ़ल

  • मघा के प्रथम चरण का मालिक केतु-मंगल है,जो जातक में दिमागी रूप से आवेश पैदा करता है.
  • द्वितीय चरण के मालिक केतु-शुक्र है,जो जातक में सजावटी और सुन्दरता के प्रति भावना को बढाता है.
  • तीसरा चरण केतु-बुध के अन्तर्गत आता है,जो जातक में कल्पना करने और हवाई किले बनाने के लिये सोच पैदा करता है,
  • चौथा चरण चन्द्र-केतु के अन्तर्गत आता है,जो जातक में की जाने वाली कल्पना शक्ति का विकास करता है.
  • पूर्वाफ़ाल्गुनी नक्षत्र का प्रथम चरण शुक्र-सूर्य के सानिध्य में जातक को स्वाभाविक प्रवॄत्तियों की तरफ़ बढाता है.
  • दूसरा चरण सुन्दरता का बोध करवाने में सहायक होता है.
  • तीसरा चरण सुन्दरता के प्रति मोह देता है और कामुकता की तरफ़ भेजता है.
  • चौथा चरण जातक के द्वारा किये गये वादे को क्रियात्मक रूप मे बदलने में सहायता करता है.
  • उत्तराफ़ाल्गुनी नक्षत्र का प्रथम चरण जातक में अपने प्रति स्वतन्त्रता की भावना भरता है,और जातक को किसी की बात न मानने के लिये बाध्य करता है.

सिंह (Leo) राशि

सिंह या शेर
सिंह (Leo) राशि चक्र की पाचवीं राशि है.और पूर्व दिशा की द्योतक है.इसका चिन्ह शेर है.इसका विस्तार राशि चक्र के 120 अंश से 150 अंश तक है.सिंह राशि का स्वामी सूर्य है,और इस राशि का तत्व अग्नि है.इसके तीन द्रेष्काण और उनके स्वामी सूर्य,गुरु,और मंगल,हैं.इसके अन्तर्गत मघा नक्षत्र के चारों चरण,पूर्वाफ़ाल्गुनी के चारों चरण,और उत्तराफ़ाल्गुनी का पहला चरण आता है.

Tuesday, 27 May 2014

कर्क राशि (Cancer Health & Deasease) स्वास्थ्य - रोग

कर्क जातक बचपन में प्राय: दुर्बल होते हैं,किन्तु आयु के साथ साथ उनके शरीर का विकास होता जाता है,चूंकि कर्क कालपुरुष की वक्षस्थल और पेट का प्रतिधिनित्व करती है,अत: कर्क जातकों को अपने भोजन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है,अधिक कल्पना शक्ति के कारण कर्क जातक सपनों के जाल बुनते रहते हैं,जिसका उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है,उन्हें फ़ेफ़डों के रोग,फ़्लू,खांसी,दमा,श्वास रोग,प्लूरिसी, और क्षय रोग भी होते हैं,उदर रोग,और स्नावयिक दुरबलता,भय की भावना,मिर्गी,पीलिया,कैंसर, और गठिया रोग भी होते देखे गये है.